Sunday, November 13, 2016

Divya Kohli Kavita

न मिलेगी दोबारा
ये ज़िन्दगी ।
मुस्कुरा कर जियो
क्यों खो रहे हो इस
दुनिया की भीड़ में ..
कुछ अलग कर जियो ।
आते रहते हैं गम
और खुशियाँ ज़िन्दगी में
तो क्या हुआ सबको हंसा
कर जियो ।
लोग क्या कहेंगे
छोड़ दो इस ख्याल को
कहने दो लोगों को
तुम अपने बल पर
इस संसार में जियो ।
बहुत मिलेंगे
राह से भटकाने वाले..
पर अपने लक्ष्य को पाने
के लिए ज़िद्द से जियो ।

Divya kohli

Sunday, November 6, 2016

बच्चों में कम होती सहनशीलता


पिछले दिनों प्रदेश में कुछ ऐसी घटनाएं घटी जिनसे लगता है कि अब बच्चों में सहनशीलता कम होती जा रही है । बीते दिनों उपमंडल सुजानपुर के साथ लगते गाँव सन्नू के दो सगे भाईयों को पिता की डांट सुनकर इतना बुरा लगा कि वे घर छोड़कर ही चले गए । माता पिता का डाँटना कोई गलत बात नहीं है । वह बच्चों को कुछ गलत करने पर ही डाँटते हैं। सिर्फ डांट सुनकर इस प्रकार का कदम उठाना कदापि उचित नहीं है । इससे पता चल रहा है कि आज बच्चों में सहन करने की शक्ति नहीं रही ।

दिव्या कोहली
हिमाचल प्रदेश विश्विद्यालय
शिमला