Saturday, March 28, 2015

अप्रैल फूल

एक दिन हंसने हंसाने का है हंसी मजाक उड़ाने का है दूसरों को मुर्ख बनाने का है । वैसे तो मुर्ख हम बनते रोज हैं नए नए वादे हमें करते बोर हैं । फिर भी क्यों न अब किसी को मुर्ख बनाया जाए बीती हुई बातों को भुलाया जाए । मुर्ख बनाओ ऐसे जैसे किसी को ठेस न पहुंचे सही गलत भले ही कह दो ध्यान रहे कोई बुरा न समझे । दिव्या कोहली शाहपुर

सोशल साईट्स इक्कीसवीं सदी का ये जमाना चला है हर कोई सोशल साइट्स पर लगा पडा है । फेसबुक ट्वीटर व्हाट्सऐप पर हो रहे हैं स्टेटस शेयर बन रहे हैं नये नये दोस्त और हो रहे हैं मेल । सारे काम छोड़ कर बेठे हैं ऑनलाइन कमेंट्स को देखकर आ जाती है स्माइल । मोबाइल के साथ लगे हुए दिखता हर कोई आम है इसलिए हम कहते हैं मेरा भारत महान है । बिना जाने पहचाने भी बना लेते हैं कुछ लोग दोस्त चाहे नाम हो उनका अन नाउन । न बनाओ उन लोगों को कभी दोस्त जिन पर हो आपको कोई डाउट। फेक आई डी बना कर भी करते कुछ लोग कमेंट्स है दूसरों के नाम को करते ये बदनाम हैं । सोशल साइट्स अवश्य चलायें पर न करें कोई ऐसा काम जिससे पहुंचे किसी दूसरे की इज्ज़त को नुक्सान । दिव्या कोहली शाहपुर

सोशल साईट्स इक्कीसवीं सदी का ये जमाना चला है हर कोई सोशल साइट्स पर लगा पडा है । फेसबुक ट्वीटर व्हाट्सऐप पर हो रहे हैं स्टेटस शेयर बन रहे हैं नये नये दोस्त और हो रहे हैं मेल । सारे काम छोड़ कर बेठे हैं ऑनलाइन कमेंट्स को देखकर आ जाती है स्माइल । मोबाइल के साथ लगे हुए दिखता हर कोई आम है इसलिए हम कहते हैं मेरा भारत महान है । बिना जाने पहचाने भी बना लेते हैं कुछ लोग दोस्त चाहे नाम हो उनका अन नाउन । न बनाओ उन लोगों को कभी दोस्त जिन पर हो आपको कोई डाउट। फेक आई डी बना कर भी करते कुछ लोग कमेंट्स है दूसरों के नाम को करते ये बदनाम हैं । सोशल साइट्स अवश्य चलायें पर न करें कोई ऐसा काम जिससे पहुंचे किसी दूसरे की इज्ज़त को नुक्सान । दिव्या कोहली शाहपुर

कविता हिमाचल के बढते कदम मेरे छेले हिमाचल में हो रहा है चारों और विकास पहुँच रहीं हैं घर घर सड़के और किया जा रहा है समस्याओं का समाधान बस रहे हैं ओद्योगिक नगर और हो रहा है शिक्षा का प्रसार हंसती गाती प्रकृति और बर्फ से ढके हैं पहाड़ मेरे प्रदेश  हिमाचल का है इक अपना इतिहास छोटी छोटी रियासतों को इकठा कर की गई स्थापना इस प्रदेश की फिर बना था केंद्र शासित भी 25 जनवरी  के दिन मिला था देवभूमि हिमाचल को पूर्ण राज्य का सम्मान तब से कर रहा है हिमाचल नित कायम नए आयाम दिव्या कोहली (शाहपुर

कविता हिमाचल के बढते कदम 
मेरे छेले हिमाचदिल में हो रहा है चारों और विकास 
पहुँच रहीं हैं घर घर सड़के और 
किया जा रहा है समस्याओं का समाधान 
बस रहे हैं ओद्योगिक नगर और हो रहा है शिक्षा का प्रसार हंसती गाती प्रकृति और बर्फ से ढके हैं पहाड़ 
मेरे प्रदेश  हिमाचल का है इक अपना इतिहास 
छोटी छोटी रियासतों को इकठा कर 
की गई स्थापना इस प्रदेश की फिर बना था 
केंद्र शासित प्रदेश भी 
25 जनवरी  के दिन मिला था 
देवभूमि हिमाचल को पूर्ण राज्य का सम्मान 
तब से कर रहा है हिमाचल नित कायम नए आयाम 
दिव्या कोहली (शाहपुर)
divyakohli.blogspot.com

कविता हिमाचल के बढते कदम मेरे छेले हिमाचल में हो रहा है चारों और विकास पहुँच रहीं हैं घर घर सड़के और किया जा रहा है समस्याओं का समाधान बस रहे हैं ओद्योगिक नगर और हो रहा है शिक्षा का प्रसार हंसती गाती प्रकृति और बर्फ से ढके हैं पहाड़ मेरे प्रदेश  हिमाचल का है इक अपना इतिहास छोटी छोटी रियासतों को इकठा कर की गई स्थापना इस प्रदेश की फिर बना था केंद्र शासित भी 25 जनवरी  के दिन मिला था देवभूमि हिमाचल को पूर्ण राज्य का सम्मान तब से कर रहा है हिमाचल नित कायम नए आयाम दिव्या कोहली (शाहपुर