कविता हिमाचल के बढते कदम
मेरे छेले हिमाचल में हो रहा है चारों और विकास
पहुँच रहीं हैं घर घर सड़के
और किया जा रहा है समस्याओं का समाधान
बस रहे हैं ओद्योगिक नगर
और हो रहा है शिक्षा का प्रसार
हंसती गाती प्रकृति
और वर्फ से ढके हैं पहाड़ ।
मेरा हिमाचल कर रहा है नित कायम नए आयाम ।
दिव्या कोहली
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