Saturday, March 28, 2015

अप्रैल फूल

एक दिन हंसने हंसाने का है हंसी मजाक उड़ाने का है दूसरों को मुर्ख बनाने का है । वैसे तो मुर्ख हम बनते रोज हैं नए नए वादे हमें करते बोर हैं । फिर भी क्यों न अब किसी को मुर्ख बनाया जाए बीती हुई बातों को भुलाया जाए । मुर्ख बनाओ ऐसे जैसे किसी को ठेस न पहुंचे सही गलत भले ही कह दो ध्यान रहे कोई बुरा न समझे । दिव्या कोहली शाहपुर

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