Saturday, November 11, 2017

Short story by ...Divya Kohli

अरे मुबारक हो रिया तुम महाविद्यालय की अध्यक्ष बन गयी हो । फोन पर बात करते हुए सहेली ने कहा ।  पर रिया तुम आज कॉलेज क्यों नहीं आयी , तुम्हें सभी कॉलेज में ढूंढ रहे हैं ।
भारी मन से जवाब देते हुए रिया ने कहा आज मेरा अस्पताल में चेकअप है और अस्पताल आना बहुत जरूरी था इसलिए में कॉलेज नहीं आ पायी । मैं तुमसे शाम को बात करूँगी अभी में अस्पताल पहुंच गई हूं । अच्छा ठीक है ।
  
                लेकिन रिया को क्या पता था कि आज उसके पैरों तले जमीन खिसक जाएगी । डॉक्टर ने रिया को अल्ट्रासाउंड के लिए भेजा । रिपोर्ट्स आने के बाद रिया मन ही मन मे घुटने लगी । अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट में रिया को पित्ते में पत्थरी बताई गई ।  20 की उम्र और पित्ते में पथरी ओर इलाज़ भी सिर्फ ऑप्रेशन । रिया बहुत डर गई । कुछ पल के लिए तो बो जीने की उम्मीद भी खो चुकी थी ।  लेकिन उसने होंसला नहीं हारा ।
                
                 दो महीने पश्चात रिया को ऑपरेशन
हेतु अस्पताल ले गए  । जहां 4 दिन तक विभिन्न टेस्टों के बाद रिया के आपरेशन की प्रक्रिया शुरू हुई । आपरेशन के लिए ले जाते समय उसकी माँ की आंखों में आंसू थे ,घर मे भी सभी परेशान थे की न जाने अब क्या होगा । रिया भी बहुत डरी हुई थी लेकिन उसके चेहरे पर मुस्कान थी । रिया सभी को बाये करती हुई आपरेशन के लिए चली गयी । बाहर सभी उसके लिए प्रार्थना में लगे हुए थे । लगभग छ: घण्टे के पश्चात रिया को होश आया ।
                   जो लड़की एक इंजक्शन से डरती थी उसे एक दिन में कई इंजक्शनों का सामना करना पड़ा । आपरेशन के बाद उसकी आँखों मे आंसू ही आंसू थे जो रुकने का नाम नहीं ले रहे थे । शायद रिया कहीं न कहीं आत्मविश्वास खो चुकी थी  । उसके सामने डिब्बे में रखा उसका पित्त उसे ओर कमजोर कर रहा था ।
                    ओर जो थोड़ा बहुत खुद पर विश्वास था वो लोगों की बातें सुनकर ओर कम हो जाता ।  कुछ समय तक तो वो दिन रात इसी सोच में डूबी रहती ।  परन्तु रिया ने कभी हार नहीं मानी । काफी सोच विचार कर ,जो हो गया उसे पीछे छोड़कर रिया ने एक नई जिंदगी की शुरुआत की । क्योंकि जो खो गया वो कभी वापिस नहीं आ सकता और सच्चाई से डरना कैसा  ।
                    फिर एक वर्ष बाद उसकी जिंदगी में एक ऐसा शख्स आया जिसने उसकी जिंदगी खुशियों से भर दी । उसने सच्चाई को जानते हुए भी कभी उसका विश्वास नहीं तोड़ा । वो जैसी है उसे वैसे ही स्वीकार किया । उसने हमेशा उसे खुश रखने की कोशिश की है । उसे खुद से प्यार करना सिखाया ।जो लड़की हमेशा खोई रहती थी जिसे खुद की कोई फिक्र नहीं थी वो अब बहुत बदल चुकी है । ओर ये सब किया है उसके प्रिंस  ने ।

प्रिंस को बहुत बहुत स्नेह और प्यार ।

रचना स्वरचित व मौलिक
सत्य पर आधारित
दिव्या कोहली
शाहपुर ।
     
                
                     
                  

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